‘कसक’ शब्द इंसान की मानसिक स्थिति और पीड़ा को व्यक्त करता है जिसकी अनुभूति भीतर ही भीतर एक भावना पैदा करती है जो कभी दुखदायी लगती है और कभी मधुर| पुस्तक में लेखिका की एक संक्षिप्त आत्मकथा के बारे में बताती है जो हमारे भारतीय समाज की उन महिलाओं के लिए प्रेरणास्रोत हो सकती है जो कष्टप्रद वैवाहिक जीवन के कारण पीड़ित हैं।