यह पुस्तक भारत के विभाजन के समय लाहौर के एक पागलख़ाने के पागलों पर आधारित है। १९४७ में विभाजन के समय भारत और पाकिस्तान की सरकारों ने एक दुसरे के हिन्दू-सिख और मुस्लिम पागलों की अदला-बदली करने पर समझौता किया था। लाहौर के पागलख़ाने में बिशन सिंह नाम का एक सिख पागल था जो टोबा टेक सिंह नाम के शहर का निवासी था। इस पुस्तक में इसी टोबा टेक सिंह के बारे में लिखा गया है|