इस अष्टांग हृदयम् शास्त्र में लगभग ७००० श्लोक दिये गये है। ये श्लोक मनुष्य के जीवन को पूरी तरह निरोगी बनाने के लिये हैं। इस पुस्तक में कुछ श्लोक, हिन्दी अनुवाद के साथ दिए गए हैं। इन श्लोकों का सामान्य जीवन में अधिक से अधिक उपयोग हो सके इसके लिये विश्लेषण भी सरल भाषा में देने की कोशिश की गयी है।