अनुभव की तटस्थता और सामाजिक परिवर्तनसे शरू हुई कहानियाँ अपने समय और समाज को जिस आन्तरिकता और अंतरंगता से रेखांकित करती हैं वह निश्चय की बात इस पुस्तक में बताई गई है|
Book Name | बादलों के घेरे | Badlo Ke Ghere |
Author | krishna Sobti |
Category | Novels, Poetry Books, Hindi Books |
Book Language | हिंदी | Hindi |
Publisher | Rajkamal Prakashan |
Pages | 183 |
Country | India |
Book Size | 3 MB |
अनुभव की तटस्थता और सामाजिक परिवर्तनसे शरू हुई कहानियाँ अपने समय और समाज को जिस आन्तरिकता और अंतरंगता से रेखांकित करती हैं वह निश्चय की बात इस पुस्तक में बताई गई है|