‘मुद्राराक्षस’ पुस्तक का प्रसिद्ध संस्कृत-नाटक है, जिसमें चाणक्य और चन्द्रगुप्त सम्बन्धी चाणक्य की राजनीतिक सफलताओं का विश्लेषण मिलता है। ‘मुद्राराक्षस’ पुस्तक की रचना संस्कृत नाट्यपरम्परा से भिन्न रूप में हुई है। ‘मुद्राराक्षस’ पुस्तक में निपुणक द्वारा चाणक्य को राक्षस की मुद्रा देने तक की कथा ‘प्रारम्भ’ के अन्तर्गत लिखी गई है|