‘जहाज का पक्षी’ पुस्तक में एक ऐसे मध्यवर्गीय युवक की परिस्थिति जीवन की कहानी है, जो कलकत्ता के विषमताजनित घेरे में फँसकर इधर-उधर भटकने को विवश हो जाता है, किन्तु उसकी बौद्धिक चेतना उसे रह-रह कर नित-नूतन पथ अपनाने को प्रेरित करती है।