“दीक्षा” पुस्तक में इसी लोक और काल की,जीवन से सम्बन्धित समस्याओं की बात की गयी है जो सार्वकालिक और शाश्वत है और प्रत्येक युग के व्यक्ति का इसके साथ पूर्ण तादाम्य होता है|
“दीक्षा” पुस्तक में इसी लोक और काल की,जीवन से सम्बन्धित समस्याओं की बात की गयी है जो सार्वकालिक और शाश्वत है और प्रत्येक युग के व्यक्ति का इसके साथ पूर्ण तादाम्य होता है|
इस पुस्तक में कृष्ण और सुदामा की प्रसिद्ध कहानी के बारे में बताया गया है| इस कहानी के माध्यम से कृष्ण के कर्म-योग के बारे में भी बताया गया है।