यह पुस्तक परमसत्य को पूर्ण रूप से समजाती है। सभी इन्सान सत्य को पाना चाहता है परन्तु सभीको मार्ग समझ में नहीं आता और गलत रास्तो में फस जाता है यह पुस्तक उस हर एक इन्सान को आत्मजागृति दिखती है जो सही रूप में अपने जीवन को सार्थक बनाती है|
Book Name | तुलसीदल | Tulsidal |
Author | Hanuman Prasad Poddar |
Category | Sahitya Books, Hindi Books |
Book Language | हिंदी | Hindi |
Publisher | Gitapress,Gorakhpur |
Pages | 270 |
Country | India |
Book Size | 6 MB |
यह पुस्तक परमसत्य को पूर्ण रूप से समजाती है। सभी इन्सान सत्य को पाना चाहता है परन्तु सभीको मार्ग समझ में नहीं आता और गलत रास्तो में फस जाता है यह पुस्तक उस हर एक इन्सान को आत्मजागृति दिखती है जो सही रूप में अपने जीवन को सार्थक बनाती है|