यह पुस्तक परमसत्य को पूर्ण रूप से समजाती है। सभी इन्सान सत्य को पाना चाहता है परन्तु सभीको मार्ग समझ में नहीं आता और गलत रास्तो में फस जाता है यह पुस्तक उस हर एक इन्सान को आत्मजागृति दिखती है जो सही रूप में अपने जीवन को सार्थक बनाती है|
यह पुस्तक परमसत्य को पूर्ण रूप से समजाती है। सभी इन्सान सत्य को पाना चाहता है परन्तु सभीको मार्ग समझ में नहीं आता और गलत रास्तो में फस जाता है यह पुस्तक उस हर एक इन्सान को आत्मजागृति दिखती है जो सही रूप में अपने जीवन को सार्थक बनाती है|
प्रस्तुत पुस्तक में भगवन राम के भक्त हनुमानजी की विविध लीलाओं का वर्णन किया गया है| इस पुस्तक को वाल्मीकीय रामायण, अध्यात्म रामायण, ब्रह्माण्ड पुराण और पद्म पुराण के आधार पर लिखा गया है|